THE SECRET
Rhonda Byrne
About book
हिस्ट्री के सबसे
सक्सेसफुल और पसंद
किए जाने वाले
लोग एक सीक्रेट
के बारे में
जानते थे. इस बुक में,
आप भी उस सीक्रेट के बारे में जानेंगे.
आप अच्छी चीज़ों
को अपनी लाइफ
में अट्रैक्ट करने
के बारे में
सीखेंगे. आप सीखेंगे
कि आपका जो सपना है
उसे कैसे हकीकत
बनाना है. अगर आप अपनी
दिली तमन्ना को
पूरा करना चाहते
हैं तो यह बुक ज़रूर
पढ़ें.
यह समरी किसे पढ़नी
चाहिए?
जो लोग फाइनेंसियल
सक्सेस चाहते हैं,
जो लोग किसी
बीमारी की वजह से 5 कर
रहे हैं, जो अपने अतीत
को पीछे छोड़
कर आगे बढ़ना
चाहते हैं, जो अपने हर
सपने को हकीकत
में बदलना चाहते
हैं.
UNIT 1
इंट्रोडक्शन(Introduction)
क्या आप एक
सीक्रेट जानना चाहते
हैं? क्या आप अनलिमिटेड पॉवर के मास्टर बनना
चाहते हैं? क्या
आप आपने लाइफ
में बहुत सारा
पैसा, Healthy बॉडी
और प्यार भरे
रिलेशनशिप्स को हासिल
चाहते हैं? क्या
आप जानना चाहते
हैं कि आप कैसे अपनी
लाइफ बदल सकते
हैं? क्या आप उस सीक्रेट
को जानना चाहते
हैं जो काम करता है
हर सिचवेशन पर
चाहे आप उसे जाने या
ना जाने लेकिन
मौका है आज उसे जानने
का । अगर हाँ, तो
यह बुक आपके
लिए है.
ये सिक्रेट एक ऐसा सुप्रीम नॉलेज है
जो सदियों से
चला आ रहा है. लेकिन
सिर्फ़ कुछ गिने
चुने सक्सेसफुल लोगों
को ही इसके बारे में
पता था. आज यह सीक्रेट
आपके सामने खुलने
वाला है.आप क्या क्या
कर सकते हैं
इसकी कोई लिमिट
नहीं है. यह बुक आपको
सिखाएगी कि आप अपनी इच्छाओं
को किस तरह पूरा कर
सकते हैं.
द सीक्रेट रिवील्ड (The secret Revealed)
तो आख़िर यह
सीक्रेट है क्या?
अनलिमिटेड पॉवर और
दुनिया में किसी
भी चीज़ को हासिल करने
का सीक्रेट है“द लॉ
ऑफ़ अट्रैक्शन", यूनिवर्स
के रूल््स हम सब
के लिए बिलकुल
सेम हैं इसलिए
कोई फ़र्क नहीं
पड़ता है कि आप कौन
हैं और कहाँ से आए
हैं, आप इस लॉ को
अपने लाइफ में
यूज़ कर सकते हैं. लॉ
ऑफ़ अट्रैक्शन ही
वह अल्टीमेट सीक्रेट
है जिसके बारे
में इस बुक की ऑथर रोंडा पूरी दुनिया को बताना चाहती थीं.लॉ
ऑफ़ अट्रैक्शन का मतलब है कि आप जो भी सोचते हैं, जो इमेज आपके दिमाग में चलते रहते
हैं,आप उन्हें अपनी लाइफ में अट्रैक्ट करने लगते हैं.इसका मतलब है कि आप जो हमेशा सोचते
हैं वह सच हो जाता है. अट्रैक्शन का रूल आपके मन के पावरफुल थॉट्स पर काम करता है.
सक्सेस, पैसा, ख़ुशियाँ, अच्छी हेल्थ, प्यार ये सब आपका होगा अगर आप इसके बारे में
लगातार सोचते रहेंगे तो.
अपने आप को एक पावरफुल
चुंबक यानी मैगनेट की तरह सोचिये. जिस चीज़ के बारे में आप सबसे ज़्यादा सोचने लगेंगे
वह चीज़ सच में आपके लाइफ में होने लगती है. आपके थॉट्स में इतनी पॉवर है कि वो मन
में चल रहे आइडियाज को रियलिटी बना देता है.
आसान शब्दों में इसका मतलब है कि जैसा आप सोचेंगे
बिलकुल वैसा ही आप अपने लाइफ में अट्रैक्ट करेंगे.यानी अगर आप हमेशा नेगेटिव चीज़ों
के बारे में सोचते हैं तो आप सिर्फ़ नेगेटिव चीज़ें को ही अट्रैक्ट करेंगे और आपके
साथ सिर्फ़ बुरा ही बुरा होता रहेगा. लेकिन अगर आप अपने मन को पॉजिटिव थॉट्स से भरेंगे
तो आपकी लाइफ ख़ुशी और सक्सेस से भरी होगी बिलकुल एक नदी की तरह जो कहीं रूकती नहीं
है, हमेशा आगे की ओर चलती जाती है.
तो यह लॉ अच्छी और बुरी चीज़ों के फ़र्क को
नहीं समझता. आप अच्छा सोचें या बुरा, आप उसे अट्रैक्ट करने लगेंगे और वो हकीकत बन जाएगा.
आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं,हमारे आस पास हर चीज़ एक एनर्जी है. हमारे थॉट्स, वर्ड्स
और एक्शन सब एनर्जी हैं. हर एनर्जी की एक वाइब्रेशन होती है .हमारे थॉट्स की भीएक वाइब्रेशन
होती है. जब हमारे मन में कोई थॉट आता है तो वह यूनिवर्स में एक सिग्नल की तरह जाता
है और ये लॉ सेम वाइब्रेशन की चीज़ों और लोगों को हमारे लाइफ में अट्रैक्ट करने लगता
है. एक बड़ी अच्छी कहावत है “योर वाईब अट्रैट्स योर ट्राइब” यानी जैसी आपकी वाइब्रेशन होगी आप उसी वाइब्रेशन की चीज़ों और लोगों
को अपनी लाइफ में अट्रैक्ट करते हैं. आप जितनी ज़्यादा एनर्जी किसी थॉट में लगाते जाएँगे,
आप उस चीज़ को क्रिएट करने लगते हैं. भले ही आपको पता हो या ना पता हो।
एक्जाम्पल के लिए, अगर आप हमेशा यह कहते हैं
कि“मैंलेट नहीं होना चाहती” तो यह लॉ ये गारंटी देता है कि आप ज़रूर लेट होंगे. इसके बजाय आपको
यह कहना चाहिए कि “मैं हमेशा टाइम पर पहुँचती हूँ" या "मैं Punctual हूँ". नेगेटिव वर्ड्स यूज़ करना अवॉयड करें.
आइये रोबर्ट की कहानी से सीखते हैं. रोबर्ट ने अपने प्रोफेसर से शेयर किया कि वो गे है. उसने ईमेल के ज़रिए प्रोफेसर को उन तकलीफ़ों के बारे में बताया जो वह हर रोज़ एक्सपीरियंस करता था. रोबर्ट के साथ काम करने वाले उसका मज़ाक उड़ाते थे जिसकी वजह से वह हमेशा स्ट्रेस में रहने लगा था. वह जहां भी जाता लोग उसे परेशान करते, उसके बारे में नेगेटिव कमेंटक रते.
रोबर्ट एक स्टैंड अप कॉमेडियन के रूप
में परफॉर्म करना चाहता था लेकिन परफॉरमेंस के दौरान सब ने उसके गे होने का मज़ाक उड़ाया.
वो लोगों के व्यवहार से निराश और दुखी रहने लगा था. उसके प्रोफेसर ने समझाया कि उसे
नेगेटिव बातों पर फोकस नहीं करना चाहिए.उसे उन चीज़ों के बारे में नहीं सोचना चाहिए
जो वह अपनी लाइफ में नहीं चाहता है. प्रोफेसर ने कहा, “अपने ईमेल को ध्यान से पढ़ो.
तुमने सिर्फ़ उन चीज़ों के बारे में बात की है जिससे तुम नफ़रत करते हो, जो तुम अपनी
लाइफ में नहीं चाहते. क्योंकि तुम हमेशा सिर्फ़ इन चीज़ों के बारे में सोचते हो,वह
सच में तुम्हारे साथ हो जाता है”.
रोबर्ट को तब जा कर अपनी गलती का एहसास हुआ.उसने ख़ुद को बदलना शुरू किया. बाद
के कुछ हफ़्तों में जो हुआ वह किसी चमत्कार से कम नहीं था.ऑफिस में जो लोग उसे चिढ़ाते
थे या तो उन्होंने रिजाइन कर दिया या दूसरे डिपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए.बाकी बचे लोगों
ने उस पर कमेंट करना बंद कर दिया था.
अब रोबर्ट को अपनी जॉब में मज़ा आने
लगा. और तो और अब राह चलते भी कोई उसकी इंसल्ट नहीं करता था. ऐसे लोग उसकी लाइफ से
दूर हो गए थे. रोबर्ट ने एक बार फ़िर स्टैंड अप कॉमेडी करना शुरू किया.
इस बार, ऑडियंस ने उसे बहुत पसंद
किया. वे उसके जोक्स पर ख़ूब हँसे और उसके लिए चीयर भी किया.यह सब कुछ उस दिन से बदलने
लगा था जिस दिन रोबर्ट ने यह डिसाइड किया कि वह उन चीज़ों पर फोकस नहीं करेगा जो उसे
नहीं चाहिए. अब वह सिर्फ़ उन चीज़ों के बारे में सोचने लगा जो उसे चाहिए था.उसने अपने
हर नेगेटिव थॉट से पीछा छुड़ा कर अपने मन को पॉजिटिव थॉट्स से भर लिया था.अब वह हर
अच्छी चीज़ को अपने लाइफ में अट्रैक्ट करने लगा था.वह अब भी गे था लेकिन अब वह ख़ुश
भी था.
UNIT 2
हाउ टू यूज़ द सीक्रेट (How to ue the secret)
तो इस सीक्रेट को आख़िर यूज़ कैसे करना है? इसके उ स्टेप्स होते हैं. पहला स्टेप
है,माँगना. दूसरा स्टेप है,बिलीव करना.तीसरा स्टेप है, रिसीव करना.तो पहला काम है यूनिवर्स
से माँगना. इसके लिए पहले
आपको ध्यान से सोचना होगा कि आप क्या चाहते हैं.आप उसे एक पेपर पर प्रेजेंट टेंस
में लिख भी सकते हैं या अपने मन में उसकी इमेज को इमेजिन कर सकते हैं.आपको उस थॉट के
बारे में क्लियर होना होगा. इसमें कंफ्यूजन की कोई गुंजाइश नहीं है, आपको अपने गोल
के बारे में सटीक पता होना चाहिए.एक्जाम्पल के लिए, अगर आपको एक कार चाहिए तो आपको
ब्रांड और मॉडल के बारे में स्युर होना होगा.अपनी पसंद के रंग को इमेजिन करें. अपने
पसंद की कार को अंदर और बाहर से इमेजिन करें.आप पेपर पर लिख सकते हैं “मेरे पास स्पोर्ट्स
कार है” या “मैं बहुत ख़ुश और ग्रेटफुल हूँ कि मेरे पास स्पोर्ट्स कार है' इसे प्रेजेंट
टेंस में लिखना ज़रूरी है.या ख़ुद को कार में बैठ कर उसे ड्राइव करते हुए इमेजिन करें.
अगर आप अपने गोल के बारे में क्लियर नहीं होंगे तो यह लॉ काम नहीं करेगा.इससे यूनिवर्स
को मिक्स्ड सिग्नल मिलता है और वो आपकी पसंद की चीज़ की जगह आपको मिक्स्ड रिजल्ट देता
है.
यह बिलकुल एक रेस्टोरेंट में आर्डर
प्लेस करने जैसा है. आप मेनू में से डिश सिलेक्ट कर के वेटर को बताते हैं कि आपको क्या
चाहिए. तो अपने थॉट को एकदम क्लियर रखें और कहें “मुझे यह डिश खानी है” या“मुझे यह
एक्सपीरियंस करना है” या “मुझे ऐसा लाइफ पार्टनर चाहिए". यूनिवर्स एक वेटर की
तरह है जो आपके आर्डर का वेट कर रहा है.इसलिए आप को ठीक से पता होना चाहिए कि आप उसे
क्या आर्डर दे रहे हैं. दूसरा स्टेप है बिलीव करना. एक बार जब आप अपनेपूर माइंड में
एक थॉट को सेट कर लेते हैं तो आपको पूरा विश्वास होना चाहिए कि जो आपने माँगा है वो
आपको ज़रूर मिलेगा.और ये विश्वास पूरा 100% होना चाहिए इसमें ज़रा भी डाउट ना रखें.माँगने
के बाद आपको विश्वास करना होगा कि वह चीज़ आपकी हो चुकी है.
इसकी चिंता ना करें कि वो आपको कैसे मिलेगी.विश्वास रखें कि यूनिवर्स आपकी इच्छा
ज़रूरी पूरी करेगी.आपने जो चीज़ माँगी है वो आपको आज या कल नहीं मिल जाएगी लेकिन बस
भरोसा रखें कि वह बहुत जल्द आपको मिलेगी. जब तक आप विश्वास करते रहेंगे,यूनिवर्स उस
चीज़ को आप तक पहुँचाने का काम करता रहेगा. अपने बिलीफ के अनुसार सोचना और बोलना शुरू
करें. ऐसा सोचें कि जो आपको चाहिए वो पहले से ही आपका है. एक्जाम्पल के लिए, अगर आपको
एक टेनिस टूर्नामेंट जीतने की इच्छा है तो ख़ुद को रोज़ एक चैंपियन की तरह ट्रॉफी पकड़े
हुए इमेजिन करें.ज़ोर देकर पूरे विश्वास के साथ ख़ुद से कहें “मैं एक टेनिस चैंपियन
हूँ”. एक दिन ऐसा आएगा जब ये सच हो जाएगा.
तीसरा स्टेप है रिसीव करना.अपने पसंद की चीज़ मिलने के बाद आपको जो ख़ुशी होगी
उसे महसूस करें. ख़ुशी महसूस करने से आपकी वाइब्रेशन आपकी इच्छा से मैच होने लगती है
तब जाकर वो आपकी लाइफ में अट्रैक्ट होता है. यूनिवर्स को यह सिग्नल मिलता है कि आप
उस चीज़ को रिसीव करने के लिए रेडी हैं. अपना ड्रीम होम या ड्रीम जॉब मिलने की अच्छी
फीलिंग को एक्सप्रेस करें.
तब आप जो चाहते हैं उसे पाने के लिए आप सही समय और सही जगह पर होंगे. भले ही आपको
पता ना हो किये सब कब, कैसे और कहाँ होगा, बस इसे फील करें.अपने आप से कहें, “मैं इसे
अपने जीवन में अभी रिसीव कर रहा हूँ”. एक्जाम्पल के लिए, अपने पसंद की कार में टेस्ट
ड्राइव पर जाएँया जो ड्रीम होम आप खरीदना चाहते हैं उसे देखने जाएँ.उसे टच करें, एक्सपीरियंस
करें. बहुत जल्द वो आपके पास होगा.
UNIT 3
द सीक्रेट टू मनी (The secret to money)
आप लाइफ में जो भी चाहते हैं उसके लिए इस Technique को यूज़ कर सकते हैं. पैसा
उनमें से एक है. यह मत कहो कि “मेरे पास ज़्यादा पैसा नहीं है” इसके बजाय
हमेशा कहें “मेरे पास बहुत पैसा है लेकिन ये बस कहने से सच नहीं हो जाएगा. आपको इसे
पूरे विश्वास के साथ महसूस भी करना होगा. कहीं भी डाउट नहीं होना चाहिए. यूनिवर्स बहुत
स्मार्ट है, वह सब समझती है.अगर आप अपनी लाइफ में पैसा चाहते हैं तो इमेजिन कीजिये
कि आप उसे कैसे ख़र्च करेंगे,कहाँ घूमने जाएँगे, क्या कया खरीदेंगे,
किसी भी नेगेटिव थॉट को अपनी लाइफ में
पैसे के फ़्लो को रोकने ना दें. पैसों की भरमार पर फोकस करें,उसकी कमी पर नहीं. आप
एक exact अमाउंट के बारे में सोचें जो आप पाना चाहते हैं ठीक इस कहानी के लड़के की
तरह.जैक कैनफील्ड बेहद पोपुलर बुकसीरीज़ चिकन सूप फॉर द सोल के ऑथर हैं. पूरी दुनिया
में इस बुक की लाखों कॉपी बिक चुकी हैं. लेकिन जैक हमेशा से इतने सक्सेसफुल नहीं थे.
जैक ने अपने पिता से पैसे के बारे में हमेशा नेगेटिव बातें ही सुनी थी. उनके पिता
नेगेटिव सोच रखने वाले इंसान थे. उनका मानना था कि अमिर लोगों के पास इतना पैसा इसलिए
है क्योंकि वो दूसरों को चीट करते हैं. इस वजह से जैक को लगने लगा था कि पैसा कमाना
पाप है. उनके पिता का यह भी मानना था कि लाइफ बहुत डिफिकल्ट है. पैसे पेड़ पर नहीं
उगते. वो हमेशा कहते,“क्या मुझे देख कर लगता है कि मेरे पास पैसा है? क्या मैं तुम्हें
रॉकफेलर जैसा धन कुबेर लगता हूँ"?
फ़िर जैक को एक मेंटर मिले जिन्होंने उन्हें बड़े सपने देखना सिखाया. उन्होंने
जैक को इतना बड़ा गोल सेट करने को कहा कि उसे अचीव कर लेने के बाद वो ख़ुद उसकी ऊँचाई
देख कर दंग रह जाएँ.इस स्टेटमेंट की सच्चाई को साबित करने का एक ही तरीका था जो था
इसे ट्राय करना.उस वक़्त, जैक साल में सिर्फ़ 8,000 $ कमा रहे थे.इसलिए उन्होंने ख़ुद
से कहा, “मैं साल में 1,00,000$ कमाना चाहता हूँ”. वह नहीं
जानते थे कि इसे कैसे पॉसिबल करेंगे, उन्होंने बस इस बात पर पूरा विश्वास कर लिया था.
वो हमेशा ख़ुद को याद दिलाते रहते “मुझे एक साल में 1,00,000 $ कमाना है
हर सुबह काम पर जाने से पहले वो रुक कर अपनी आँखें बंद कर लेते और इमेजिन करते
कि उनके पास पहले से ही 1,00,000 $ है. यहाँ तक कि उन्होंने एक पेपर 1,00,000 $ का इमेज तक बना दिया था.उन्होंने उस पिक्चर को अपनी सीलिंग
पर चिपका दिया.सुबह जागने पर उनकी नज़र सबसे पहले उस पिक्चर पर जाती और उन्हें अपना
गोल याद आ जाता. जैक सोचने लगते कि उनकी पूरी लाइफ कैसी होगी जब उनके पास 1,00,000
$ होंगे.
एक महीना बीत चुका था लेकिन जैक नहीं
जानते थे कि वो इतने पैसे कैसे कमा पाएँगे.लेकिन फ़िर एक दिन उन्हें एक कमाल का आईडिया
आया. तब उन्होंने अपनी पहली बुक लिखी थी जो हाल ही में पब्लिश हुई थी. एक कॉपी की कीमत
25 सेंट थी. जैक ने सोचा कि अगर वो एक सालमें अपनी बुक की 4,00,000 कॉपी बेचने में
सफल रहे तो वह 1,00,000 $ कमा सकते हैं.
दो महीने बाद, जैक ने न्यू यॉर्क के एक कॉलेज में लेक्चर दिया, लेक्चर के बाद एक
औरत उनके पास आई और उनसे इंटरव्यू के लिए पूछा. पता चला की वो
एक राइटर थी और पोपुलर मैगज़ीन ५0709
टाग9पांक्67 के लिए काम करती थी. वो जैक के लेक्चर से बहुत इम्प्रेस हुई और उनकी
बुक के बारे में आर्टिकल लिखना चाहती थी.
उस आर्टिकल के छपने के बाद, जैकके बुक की ज़बरदस्त सेल हुई.कमाल की बात तो यह थी
किजब से
उन्होंने विश्वास करना शुरू किया था कि वो 7,00,000$ कमाने वाले हैं तब से कई मौकों
के दरवाज़े उनके लिए खुलने लगे थे.
साल ख़त्म होने का वक़्त आ गया था और आश्चर्य की बात ये है कि जैक ने 92,527 $
कमा लिए थे.यह उनके गोल से कुछ कम था लेकिन फ़िर भी जैक बहुत अच्छा फील कर रहे थे.
उन्होंने अपने गोल के बिलकुल क़रीब के फिगर को अचीव कर लिया था.जैक ने सोचा क्यों ना
इस साल का गोल 7,000,000 $ रखा जाए? और उन्होंने फ़िर इस पर पूरा विश्वास किया. वह
हर समय इसके बारे में सोचते रहते. उन्होंने सीलिंग पर पुरानी पिक्चर हो हटा कर 10 लाख़
$ की नई पिक्चर लगा दी थी.
साल के अंत में, जैक को अपनी बुक के लिए रॉयल्टी का चेक मिला. पब्लिशर ने चेक पर
10 लाख़ $ के बाद एक स्माइली भी ड्राकिया था. जैक का बड़ा सपना सच हो गया था.लेकिन
वो वहाँ रुके नहीं बल्कि और भी बड़े बड़े सपने देखने लगे.
UNIT 4
द सीक्रेट टू हेल्थ (The secret to health)
अच्छा एक बात बताइए,क्या आप प्लसीबो इफ़ेक्ट के बारे में जानते हैं? मेडिकल रिसर्च
के दौरान, डॉक्टर्स आमतौर पर अपने पेशेंट्स पर एक टेस्ट की जाने वाली दवाई और एक प्लसीबो
की गोली को यूज़ करते हैं.प्लसीबो की गोली असल में अंदर से खाली होती है,उसमें कोई
दवाई नहीं होती. एक ग्रुप को दवाई दी जाती है और दूसरे ग्रुप को प्लसीबो की गोली.
डॉक्टर्स ने देखा कि प्लसीबो की गोली
लेनेवाले पेशेंट्स की बीमारी ठीक हो रही थी. वो बेटर फील कर रहे थे और उनकी बीमारी
ठीक होने लगी थी. पेशेंट्स को तो पता तक नहीं था कि उन्होंने एक खाली गोली ली थी जिसका
कोई हीलिंग इफ़ेक्ट नहीं होता. उन्होंने बस गोली ली और इस बात पर विश्वास किया कि वो
ठीक हो जाएँगे और बिलकुल वैसा ही हुआ. उन पर गोली ने नहीं बल्कि उनके पॉजिटिव थॉट ने
असर किया था.बस उन पेशेंट्स ने बिलीव किया और वो ठीक हो गए. इसे प्लसीबो इफ़ेक्ट कहते
हैं इंसान के बॉडी में ख़ुद को हील करने की शक्ति होती है.चोट लगने पर जब घाव हो जाता
है तो कुछ समय बाद वहाँ अपने आप नई स्किन आने लगती है. अगर हम किसी वायरस के द्वारा
इनफेक्ट हो जाते हैं तो हमारा इम्यून सिस्टम उससे लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाने लगता
है. हर रोज़ हमारी बॉडी में ना जाने कितने सेल्स मरते हैं और नए सेल्स पैदा होते हैं.
हमारी बॉडी हमारी हर बात सुनती है, हमारे हर थॉट पर ध्यान देती है. अगर आप ख़ुद को
बीमार समझेंगे तो कभी ठीक नहीं हो पाएँगे.
यहाँ सीखने वाली बात यह
है कि अगर आप बीमार पर फोकस करेंगे ऐसा जताएँगे कि आप बीमार हैं तो आपकी बॉडी सच में
बहुत कमज़ोर होने लगती है.कई लोग होते हैं जो कहते हैं कि उनसे तो बेड से उठा नहीं
जा रहा है या कुछ खाया नहीं जा रहा है.तो वहीँ ऐसे लोग भीहैं जो अपनी हार्ट प्रॉब्लम,
डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की बीमारी के बारे में हर समय बात करते रहत हैं. ऐसा करने
से वो अपनी बीमारी को और भी ज़्यादा पॉवर दे देते हैं इसलिए बीमारी उनकी लाइफ से दूर
नहीं होती.
तो वहीँ ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने कैंसर जैसी ख़तरनाक बीमारी को भी हराया है. स्ट्रोक
और पैरालिसिस जैसी बीमारियों से भी उभरें हैं. आपको क्या लगता इसकी क्या वजह हो सकती
है ? वजह है उनका कभी ना हिलने वाला अटूट विश्वास. उन्होंने बस पूरा विश्वास किया कि
वो अंदर से हील हो रहे हैं और वो सच में हो गया. उन्होंने बीमारी को ख़ुद पर हावी नहीं
होने दिया.हीलर ब्रूनो ने ख़ूब कहा है कि “हर बीमारी ठीक हो सकती है लेकिन हर इंसान
नहीं” यानी सिर्फ़ वो ठीक हो पाते हैं जो पूरा विश्वास करते हैं कि वो ठीक हो रहे हैं.आइये
मॉरिस की कहानी सुनते हैं.मॉरिस गुडमैन एक मोटिवेशनल स्पीकर हैं. उनके साथ हुए एक एक्सीडेंट
ने उनकी पूरी जिंदगी को बदल कर रख दिया था. वो एक प्लेन क्रैश जैसे दर्दनाक हादसे का
शिकार हुए थे.मॉरिस के स्पाइनल कार्ड में चोट लगी थी और इस वजह से
उन्हें पैरालिसिस हो गया था.उनके बैकबोन की दो हड्डी टूट गई थी. वो ना हाथ हिला
सकते थे ना पैर. उनकी बॉडी बिलकुल सुन्न हो गई थी. वो सिर्फ़ अपनी पलकें झपका सकते
थे.उन्हें खाना निगलने में भी बहुत तकलीफ़ होती थी.ना वो कुछ खा सकते थे ना पी सकते
थे. उनका डायफ्रम भी डैमेज हो गया था जिसकी वजह से वो ठीक से साँस भी नहीं ले पा रहे
थे. डॉक्टर्स ने उन्हें बताया कि वो जीवन भर के लिए अपाहिज हो गए थे.लेकिन मॉरिस ने
उनकी एक नहीं सुनी. उन्हें ख़ुद पर पूरा विश्वास था. वो हर रोज़ ख़ुद को हॉस्पिटल से
चल कर बाहर जाते हुए इमेजिन करते. वो जानते थे कि एक दिन ये ज़रूर सच होगा.डॉक्टर्स
ने उन्हें एक मास्क जैसा डिवाइस पहना दिया था क्योंकि उन्हें नहीं लगता था कि डायफ्रम
के हैमेज हो जाने के बाद मॉरिस कभी ख़ुद साँस ले पाएँगे. लेकिन मॉरिस बार-बार ख़ुद
से कहते “गहरी साँस लो, गहरी साँस लो' आख़िर वह दिन आया जब मॉरिस ये करने में सफ़ल
हुए. डॉक्टर्स के तो होश ही उड़ गए थे. उनके पास इस चमत्कार का कोई जवाब नहीं था. उन्होंने
मॉरिस के मुँह से वह डिवाइस हटा दिया क्योंकि मॉरिस अब बिलकुल नार्मल तरीके से साँस
ले रहे थे.
जितने समय वह हॉस्पिटल के बेड पर लेटे हुए थे उन्होंने एक भी नेगेटिव थॉट के बारे
में नहीं सोचा. उन्होंने अपने मन को ना निराश होने दिया ना अपने गोल से भटकने दिया.
उन्होंने ख़ुद को एक चुनौती दे दी थी,एक डेडलाइन सेट किया था कि वह क्रिसमस अपन घर
में सेलिब्रेट करेंगे. और व्हील चेयर में नहीं बल्कि खड़े होकर ख़ुद हॉस्पिटल से चलकर
जाएँगे. डॉक्टर्स ने उनसे कहा कि ये बिलकुल इम्पॉसिबल था लेकिन मॉरिस का विश्वास अटल
था अटूट था.और आप जान कर हैरान रह जाएँगे कि उस साल
उन्होंने क्रिसमस अपने घर पर मनाई. वह ख़ुद अपने पैरों पर खड़े होकर गए और अपनी
फेंमिली के साथ
सेलिब्रेट किया. धीरे धीरे मॉरिस पूरी तरह ठीक हो गए. उन्होंने अपनी इंस्पायरिंग
स्टोरी सबके साथ शेयर की.हम इस बात पर गौर नहीं करते कि ज़्यादातर बीमारियाँ स्ट्रेस
की वजह से होती हैं. स्ट्रेस एक थॉट से जन्म लेता है. इसलिए अपने थॉट को पॉजिटिव रखना
बहुत ज़रूरी है.
Next unit coming soon....
1 Comments
very good sir
ReplyDeleteThank you